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इसके बाद, शिमशोन को दलीला नाम की एक और बहुत खूबसूरत पलिश्ती महिला से प्यार हो गया। पलिश्ती हाकिम, जो शिमशोन से उस सब काम के कारण बैर रखते थे, जो उस ने उन से किया था, दलीला के पास गए, और उस से बहुत सी चान्दी देने का वचन दिया, कि यदि वह शिमशोन को इतना बलवन्त करनेवाली बात का पता लगा ले। उस पर काबू पाने और उसे पकड़ने के लिए हमें आपकी मदद की ज़रूरत है।' दलीला मान गई। – Slide número 1
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दलीला ने शिमशोन से कहा, 'मुझे बताओ कि तुम इतने मजबूत क्यों हो। कोई आपको कैसे बांध सकता है और आप पर कैसे नियंत्रण कर सकता है?  शिमशोन ने उत्तर दिया, "किसी को मुझे बांधना होगा। उसे सात नई धनुष की उन डोरियों का उपयोग करना होगा जो सूखे नहीं हैं। अगर उसने ऐसा किया, तो मैं किसी भी अन्य आदमी की तरह कमजोर हो जाऊंगा। ” परन्तु जब दलीला ने वैसा ही किया, और पलिश्ती दौड़े चले आए, तब शिमशोन ने परमेश्वर की शक्ति से उन्हें तोड़ डाला। दलीला को बुरा लगा मगर कुछ समय बाद फिर से वही प्रश्न पूछा और इस बार शिमशोन ने समझाया कि उसे नई रस्सियों से बंधे रहने की आवश्यकता हैं जिनका उपयोग पहले न हुआ हो। परन्तु जब पलिश्ती घुस आए, तब शिमशोन ने उन्हें भी तोड़ डाला। ऐसा ही तब हुआ जब शिमशोन ने कहा कि अगर उसके बालों की सात लटें करघे जैसे कपड़े में बुनी जाती हैं तो वह अपनी ताकत खो देगा। लेकिन जब पलिश्ती घुस आए, तो शिमशोन करघे से मुक्त हो गया। – Slide número 2
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दलीला दिन-ब-दिन तंग करती रही, 'तुम कैसे कह सकते हो, "मैं तुमसे प्रेम करता हूँ," जब तुम मुझे अपनी ताकत का रहस्य नहीं बताते।' शिमशोन ने हार मान ली और उसे सच बता दिया। 'मैंने कभी अपने बाल नहीं कटवाए। जब से मेरा जन्म हुआ है, तब से मैं एक नाज़ीर के रूप में परमेश्वर के लिए अलग रखा गया हूँ। अगर किसी ने मेरा सिर मुंडवा लिया, तो मैं अपनी ताकत खो दूंगा। मैं औरों की तरह कमज़ोर हो जाऊँगा।' दलीला ने शिमशोन को गोद में सिर रखकर सोने को कहा। तब उसने एक पुरूष को बुलाकर शिमशोन के बालों को कटवा दिया। तब उसने उस से कहा, 'शिमशोन, पलिश्ती तुझे पकड़ने वाले हैं!' उसकी ईश्वरीय शक्ति के बिना शिमशोन आसानी से पकड़ लिया गया था। दलीला को वह चाँदी दी गई जिसका उसे इनाम के रूप में वादा किया गया था। – Slide número 3
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पलिश्तियों ने शिमशोन की आंखें निकाल लीं और उसे अज्जा ले गए। उन्होंने उसे बन्दीगृह में डाल दिया, और उसे काँसे की जंजीरों से बाँध दिया, और उससे अनाज चक्की चलवायी। लेकिन उसके बाल फिर से उगने लगे। – Slide número 4
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पलिश्ती लोगों के शासक उत्सव मनाने के लिए एक स्थान पर इकट्ठे हुए। वे अपने देवता दागोन को एक बड़ी भेंट चढ़ाने जा रहे थे। जब वे अपने झूठे देवता की स्तुति कर रहे थे हुए चिल्ला उठे, 'शिमशोन को बाहर ले आओ ताकि हम उसका मजाक उडाये।' – Slide número 5
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सो वे शिमशोन को ठट्ठा करने के लिए बन्दीगृह से बाहर ले आए। एक सेवक उसे अंदर ले गया और शिमशोन ने उससे कहा, 'मुझे वहाँ रखो जहाँ मैं उन स्तम्भों को छू सकूँ, जो इस मन्दिर को ऊपर रोके हुए हैं। मैं उनका सहारा लेना चाहता हूँ।” वह दो मुख्य स्तम्भों के बीच खड़ा था, जिसने एक पर अपना दाहिना हाथ और दूसरे पर अपना बायाँ हाथ रखे हुआ था, ये दोनों स्तम्भ पूरे मन्दिर को टिकाए हुए थे। फिर उसने प्रार्थना की, 'सर्वशक्तिमान यहोवा, मुझे याद करो और कृपया मुझे एक बार और शक्ति दें। मुझे इन पलिश्तियों के साथ मरने दो!' फिर उसने जितना हो सके उतना जोर से धक्का दिया। और मन्‍दिर राजाओं और उस में के सब लोगों पर गिर पड़ा। इस प्रकार शिमशोन ने अपने जीवन काल में जितने पलिश्ती लोगों को मारा, उससे कहीं अधिक लोगों को उसने तब मारा, जब वह मरा। – Slide número 6
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