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गिदोन के मृत्यु के बाद, इस्राएल के लोग एक बार फिर झूठे देवताओं की पूजा करने लगे। परिणामस्वरूप, परमेश्वर ने पलिश्तियों को 40 वर्षों तक उन पर शासन करने की अनुमति दी।<br/>मानोह और उसकी पत्नी के कोई संतान नहीं थी। एक दिन मानोह की पत्नी के सामने एक स्वर्गदूत प्रकट हुआ और उसने कहा, 'तुम गर्भवती होगी और तुम्हें एक पुत्र होगा। तुम्हें उसके बाल कभी नहीं काटना क्योंकि वह नाज़ीर होगा। वह जन्म से परमेश्वर को समर्पित किया जाएगा। वह इस्राएल को पलिश्तियों के हाथ से छुड़ाने का काम आरम्भ करेगा।' जब मानोह ने यह समाचार सुना तो उस ने यह प्रार्थना की, कि जो लड़का उत्पन्न होगा उसके लिये हम क्या करें, यह हमें सिखा। तब यहोवा का दूत उन दोनों को दिखाई दिया। मानोह ने चट्टान पर एक बकरी का बच्चा बलि किया और कुछ अनाज यहोवा को भेंट के रूप में चढ़ाया। जैसे ही लपटें वेदी से आकाश तक उठीं, वैसे ही यहोवा का दूत अग्नि में आकाश को चला गया। जैसा कि प्रतिज्ञा की गई थी, परमेश्वर ने मानोह और उसकी पत्नी को एक पुत्र दिया और उन्होंने उसका नाम शिमशोन रखा। – Slide número 1
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शिमशोन बड़ा हुआ, और यहोवा ने उसे आशीष दी। उसने परमेश्वर की आज्ञा मानी और कभी अपने बाल नहीं कटवाए। एक दिन वह पलिश्ती नगर तिम्ना में गया और उसे एक पलिश्ती लड़की से प्रेम हो गया। उसके माता-पिता चाहते थे कि वह एक ऐसी लड़की से शादी करे जो परमेश्वर से प्यार करती है लेकिन शिमशोन ने जोर देकर कहा कि वह इस लड़की से शादी करना चाहता है जो झूठे देवता दागोन की पूजा करती है। – Slide número 2
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तिम्ना के रास्ते में, शिमशोन पर एक जवान सिंह ने हमला किया। यहोवा की आत्मा बड़ी शक्ति से शिमशोन पर उतरी। शिमशोन ने उसे अपने खाली हाथों से ही सिंह को चीर डाला, परन्तु शिमशोन ने किसी को नहीं बताया कि उसने क्या किया है। कई दिन बाद शिमशोन उस पलिश्ती लड़की के साथ विवाह करने के लिये वापस आया। आते समय रास्ते में वह मरे सिंह को देखने गया। उसने मरे सिंह के शरीर में मधुमक्खियों का एक छत्ता पाया। शिमशोन ने अपने हाथ से कुछ शहद निकाला। वह शहद चाटता हुआ रास्ते पर चल पड़ा। जब वह अपने माता—पिता के पास आया तो उसने उन्हें कुछ शहद दिया। – Slide número 3
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दूल्हे के लिए दावत देने की प्रथा थी और पलिश्तियों ने 30 पुरुषों को उत्सव में भेजा। शिमशोन ने यह पहेली सुनाईः “खाने वाले में से खाद्य वस्तु। और शक्तिशाली में से मधुर वस्तु निकली। ’यदि आप हमारे 7 दिवसीय भोज के दौरान पहेली को हल कर सकते हैं, मैं तुम्हें तीस सूती कमीज़ें, तीस वस्त्रों के जोड़े दूँगा। किन्तु यदि तुम इसका उत्तर न निकाल सके तो तुम्हें तीस सूती कमीज़ें और तीस जोड़े वस्त्र मुझे देने होंगे।” 30 लोगों ने तीन दिनों तक इसका पता लगाने की कोशिश की। पहेली को सुलझाने में असमर्थ, वे चुपके से इसका उत्तर खोजने के लिए शिमशोन की पत्नी के पास गए। और जेवनार के शेष भाग में शिमशोन की पत्नी रोती रही और तब तक रोती रही जब तक शिमशोन ने सातवें दिन उसे उत्तर नहीं दिया। उस ने शिमशोन के पास आए पलिश्तियों से कहा, ‘शहद से मीठा क्या है? सिंह से अधिक शक्तिशाली कौन है?’ – Slide número 4
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शिमशोन जानता था कि उसकी पत्नी ने उसे धोखा दिया है। वह क्रुद्ध होकर पास के पलिश्तियों के गढ़ अश्कलोन में गया। और उस ने 30 पलिश्ती पुरूषों को घात किया, और उनके सब वस्त्र और सम्पत्ति लेकर उन पुरूषों को दे दी, जिन्होंने उसकी पहेली का उत्तर दिया था। फिर वह अपने माता-पिता के घर चला गया। पलिश्तियों ने शिमशोन की पत्नी को सबसे अच्छे आदमी से शादी करवा दिया। यह खबर सुनते ही शिमशोन बाहर गया और 300 लोमड़ियों को पकड़ लिया। दो लोमड़ियों को लेकर एक मशाल के साथ उनकी पूंछ को एक साथ बांध दिया। शिमशोन ने मशालें जलाईं और लोमड़ियों को पलिश्तियों के खेत में छोड़ दिया। उनकी फसल बर्बाद हो गई। – Slide número 5
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शिमशोन उतर की ओर एताम नाम चट्टान की एक गुफा में रहने लगा। पलिश्तियों ने शिमशोन की खोज में यहूदा देश में डेरे डाले। यहूदा के तीन हजार पुरूष अपने प्राण के लिए डरकर शिमशोन की गुफा में गए, और कहने लगे, तुमने हम लोगों के लिए क्या विपत्ती खड़ी कर दी है? क्या तुम नहीं जानते कि पलिश्ती हम पर शासन करते हैं? हम तुम्हें नहीं मारेंगे। हम तुझे बाँध कर पलिश्तियों के हाथ में कर देंगे।’ उन्होंने शिमशोन को दो नई रस्सियों से बाँधा और उसे लेही नाम के स्थान पर ले गए, जहाँ पलिश्ती इकट्ठे हुए थे। तब यहोवा के आत्मा ने शिमशोन में प्रवेश किया और उसे बड़ी शक्ति दी। उसके ऊपर की रस्सियाँ जली हुई डोरियों के समान दुर्बल हो गईं। वे उसके हाथ से गिर गए! शिमशोन को उस गधे के जबड़े की हड्डी मिली जो मरा पड़ा था। उससे एक हज़ार पलिश्ती लोगों को मार डाला। शिमशोन बहुत प्यासा था और उसने परमेश्वर से पानी मांगा। परमेश्वर ने लेही में भूमि में एक गड्ढा खोदा, और पानी निकला। जब शिमशोन ने वह पानी पिया, तो उसे फिर से ताकत का अनुभव हुआ। अगले 20 वर्षों तक शिमशोन ने इस्राएल में न्यायी के रूप में सेवा की। – Slide número 6
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