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शिमशोन की पहेली

शादी के मेहमानों को हल करने के लिए एक पहेली दी जाती है।
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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एक बार फिर से इस्राएलियों ने परमेश्वर की दृष्टि में बुरा किया और मूर्तिपूजा करने लगे। – Slide número 1
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परमेश्वर ने उन्हें 40 साल तक पलिश्तियों के वश मे कर दिया। पलिश्तियों के भूमध्य सागर के दक्षिण तट के पास पांच बड़े नगर थे - गाजा, अश्केलोन, गत, एक्रोन और अश्दोद। – Slide número 2
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पलिश्तियों के जोराह नगर के पास मानोह नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहा करता था और उनके कोई संतान नहीं थे। – Slide número 3
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एक दिन प्रभु का एक स्वर्गदूत मानोह की पत्नी के पास आकर बोला, ‘यद्यपि तू बांझ है, लेकिन तू शीघ्र ही एक पुत्र को जन्म देगी। तू दाख या दाख से बनी कोई वस्तु न खाना ओर न ही मदिरा पीना न कोई अशुद्द भोजन खाना। तेरे पुत्र के सिर के बाल कभी न काटना क्योंकि वह परमेश्वर की ओर से चुना हुआ नाजीर होगा। वह पलिश्तियो के हाथों से इस्राएलियों को बचायेगा। – Slide número 4
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जब मानोह की पत्नी ने उसे सारी बात बताई, तो उसने प्रार्थना करके कहा, ‘परमेश्वर आपके दूत को भेजकर हमें और पैदा होने वाले बच्चे के बारे में और ज्यादा निर्देश दीजिए।’ – Slide número 5
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परमेश्वर का स्वर्गदूत फिर से उसकी पत्नी पर उस समय प्रकट हुआ जब वह खेत में बैठी हुई थी। लेकिन उसका पति मानोह उसके साथ नहीं था इसलिए वह उसे बुलाने चली गई। – Slide número 6
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मानोह ने परमेश्वर के स्वर्गदूत से पूछा, जो बालक पैदा होगा उसे जीवन में कौन से नियम मानने होंगे? स्वगर्दूत ने वह सब दोहराया जो उसने मानोह की पत्नी से कहा था। मानोह ने स्वर्गदूत से पूछा तेरा नाम क्या है? स्वर्गदूत ने उत्तर दिया, ‘यह समझना तेरे लिए अति कठिन है। – Slide número 7
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इसके बाद मानोह ने एक जवान बकरा और अन्न बलि लिया और उन्हें एक चट्टान पर परमेश्वर को बलि करके चढ़ाया। – Slide número 8
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और जैसे ही लपटें आकाश की ओर उठने लगीं, परमेश्वर का दूत लपटों में होकर ऊपर चढ़ गया। मानोह और उसकी पत्नी अपने मुँह के बल भूमि पर गिर पड़े। – Slide número 9
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कुछ समय बाद, प्रतिज्ञा के अनुसार उन्हें एक पुत्र हुआ और उन्होंने उसका नाम शिमशोन रखा। – Slide número 10
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परमेश्वर ने शिमशोन को आशीष दी और उसमें परमेश्वर का आत्मा रहने लगा। उसके बाल नहीं काटे गए और उसने कोई अशुद्ध भोजन नहीं खाया। – Slide número 11
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एक दिन शिमशोन तिम्ना में था तब उसने एक पलिश्तिी स्त्री को देखा उसे उस स्त्री से प्रेम हो गया। वह अपने घर पर आकर अपने माता-पिता से कहने लगा, ‘मैं एक पलिश्तिी स्त्री से जो तिम्ना में रहती है, विवाह करना चाहता हूँ, मेरा विवाह उससे करा दिया जाए।’ – Slide número 12
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उसके माता-पिता ने उसका विरोध किया और उससे पूछा, ‘क्या तू हमारे गोत्र या इस्राएलियों में से किसी स्त्री से विवाह नहीं कर सकता?’ तू अन्यजाति पलिश्तियों में अपन लिए पत्नी क्यों ढॅूढता है? शिमशोन ने उनकी बात नही मानी, और उनसे विवाह का आयोजन करने को कहा। – Slide número 13
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शिमशोन और उसके माता-पित तिम्ना को जा रहे थे कि एक शेर ने आकर शिमशोन पर हमला कर दिया। परमेश्वर का आत्मा तुरंत शिमशोन पर उतरा और उसने शेर को जबड़ों से पकड़कर अपन नंगे हाथों से ही उसे चीर ड़ाला। थोड़े समय बाद जब वह तिम्ना मे अपने विवाह के लिए लौटा तो उसने शेर के अवशेषों को देखने  के लिए अपना मार्ग बदल लिया उसने देखा कि मधु-मक्खियो ने शेर के शव में अपना छत्ता बना लिया था उसने अपने हाथों से उसमें से थोड़ा सा शहद निकाला और खा लिया। – Slide número 14
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शिमशोन ने तिम्ना में एक भोज दिया, क्योंकि यह जवानों की रस्म थी। जब उसके सास-ससुर ने उसे देखा तो उन्होने 30 लोगों को उसके संगी होने के लिए चुन लिया। शिमशोन ने घोषणा की, यदि तुम लोग एक पहेली का अर्थ समारोह में सात दिनो के भीतर मुझे बता दोगे तो मैं तुम लोगों को तीस शुद्ध सन के कुरते और  तीस जोड़े वस्त्र दूंगा। वे उसकी बात मान गए। शिमशोन ने उनसे पहेली कही ‘खानेवाले में से खाना, और बलवन्त में से मीठी वस्तु निकली।’ – Slide número 15
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तीन दिन तक वे पहेली बूझते रहे, चौथे दिन वे शिमशोन की पत्नी के पास आए और बोले - अपने पति को फुसला कर हमारे लिए पहेली का हल पता कर नहीं तो हम तुझे और तेरे पिता को घर समेत आग में जला देंगे। क्या तुम लोगें ने हमें लूटने के लिए न्योता दिया है? – Slide número 16
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इसलिए शिमशोन की पत्नी उसके पास रोती हुई आई और कहने लगी - तू मुझसे प्रेम नही करता बल्कि घृणा करता है! तूने मेरे लोगों को पहेली बूझने को दी और उसका हल मुझे नहीं बताया। शिमशोन ने हल बताने से मना कर दिया, वह समारोह के बाकि दिनों तक उसके सामने रोती रही और उससे पहेली का हल बताने का हठ करती रही। समारोह में आखिरी दिन शिमशोन न दबाव में आकर उसे हल बता दिया। उसने उसे तुरंत धोखा दिया और मेहमानों को उस पहेली का हल बता दिया। – Slide número 17
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इसलिए सातवें दिन का सूर्य अस्त होने से पहले नगर के पुरूष उसके पास पहेली का हल लेकर आए और कहने लगे, शहद से मीठा क्या ह्रै? शेर से बलशाली क्या है, शिमशोन ने कहा, यदि तुम लोगों ने मेरी पत्नी को मुझे धोखा देकर इस पहेली का अर्थ जानने के लिए न कहा होता तो कभी भी इस पहेली को न बूझ पाते! – Slide número 18
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इसके बाद परमेश्वर का आत्मा पूरे बल से शिमशोन पर उतरा। वह शत्रुओं के नगर अश्केलोन में गया और 30 पुरूष मार ड़ाले और उनका सामान और कपड़े उन लोगो को दे दिए जिन्होंने उसकी पहेल का हल बताया था। – Slide número 19
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शिमशोन इस घटना से क्रोधित हो उठा और वहाँ से वापस अपने माता-पिता के पास गया और उनके साथ रहने लगा। शिमशोन की पत्नी का विवाह उसी के संगी से कर दिया गया। – Slide número 20
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