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मन्दिर का पुनर्निर्माण भाग - 1

यहूदी मंदिर की नींव रखने के लिए यरूशलेम लौटते हैं।
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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जब यहूदियों ने बार-बार परमेश्वर की आज्ञाओं का उलंघन किया, तो परमेश्वर ने बेबीलोनियों को यरूशलेम पर आक्रमण करने और शहर को नष्ट करने की अनुमति दी। उन्होंने मन्दिर के सोने-चाँदी की बहुमूल्य वस्तुओं को लूट लिया और फिर उसे नष्ट कर दिया। शहर की इमारतें और दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गईं। – Slide número 1
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युद्ध से जीवित बचने वालों में से अधिकांश को पकड़ लिया गया और बंदी बनाकर बाबुल ले जाया गया। यरूशलेम खंडहर में तब्दील हो गया। परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यिर्मयाह के माध्यम से यहूदियों को यह बताने के लिए कहा कि वे वापस लौटने में सक्षम होने से पहले 70 साल गुलामी में रहेंगे। – Slide número 2
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लगभग सत्तर साल बाद शक्तिशाली बेबीलोन साम्राज्य मादियों और फारसियों के राजा साइरस के हाथों गिर गया। अपने शासन के पहले वर्ष में परमेश्वर ने कुस्रू को यह घोषणा करने के लिए प्रेरित किया कि जो यहूदी अपनी भूमि पर लौटना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं। – Slide número 3
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कुस्रू ने यह भी घोषणा किया कि परमेश्वर ने उसे यरूशलेम में मंदिर का पुनर्निर्माण करने के लिए कहा था। जिन क्षेत्रों में अब यहूदी रहते थे, उन्हें मंदिर के लिए उपहारों के साथ सोना, चाँदी, जानवर और सामान दान करना चाहिए। – Slide número 4
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आदेश को राजकीय लेखों में लिखा गया ताकि हर कोई यह जान सके कि इस आज्ञा को राजा द्वारा स्वयं दिया गया था। – Slide número 5
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जब घोषणा पढ़ी गई तो कई परिवारों के मुखिया, याजक और लेवीय, यरूशलेम और यहूदिया के आसपास के क्षेत्र में मंदिर का पुनर्निर्माण करने और उस देश में वापस रहने के लिए तैयार हो गए जो परमेश्वर ने उन्हें दिया था। – Slide número 6
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उनके पड़ोसियों ने बड़ी उदारता से उन्हें उपहार दिए। राजा कुस्त्र ने उन 5400 सोने के कीमत पात्रों को जो कि बेबिलोनियो ने मंदिर में से चुराए थे उन्हें यहूदा के नेता शेशबस्सर को दे दिया। – Slide número 7
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42000, लोग अपने सेवकों और पशुओं को लेकर यहूदिया की ओर निकल पड़े। – Slide número 8
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और जब वे यरूशलेम में पहुंचे तो वह खंडर बन चुका था। – Slide número 9
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और ध्वस्त मंदिर के स्थान पर नये मंदिर का निर्माण करने के लिए परिवारो के मुखियाओं ने उदारता से धन दिया। 500 किलो से ज्यादा सोना और 2900 किलो से ज्यादा चांदी दान में दी गई और याजकों के लिए 100 जोडे़ विशेष वस्त्र भी दान दिए गए। – Slide número 10
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इसके बाद उन्होंने यहूदिया के नगरों में अपने घरों को फिर से बनाना शुरू कर दिया। येशुआ और यरूब्बाबेल ने लोगों की सहायता से मंदिर की वेदी का पुनर्निर्माण किया। सातवें महीने के दौरान, यहूदी यरूशलेम में एकत्रित हुए। परमेश्वर को बलिदान चढ़ाये गए और उपहार दिए गए, उन्होने मिलकर झोपडि़यों का पर्व मनाया। – Slide número 11
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मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू करने के लिए पत्थर और लकड़ी का काम करने वाले कारीगरों को भुगतान करने के लिए पैसा दिया गया। कुछ महीने बाद पुनर्निर्माण का काम यरूब्बाबेल और येशुआ के निर्देशन में लेवियों की एक टीम के साथ शुरू किया। – Slide número 12
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सोर और सीदोन के लोगों को लकड़ी के बड़े टुकड़े मोल लेने के लिए उपहार दिए गए। इन्हें समुद्र तट के साथ-साथ याफा के बंदरगाह तक पहुँचाया गया और फिर येरुशलम तक खींचे गए। – Slide número 13
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परियोजना का पहला भाग मंदिर की नींव रखना था और जब ये स्थापित हो गए, तो लोग परमेश्वर की आराधना करने के लिए एकत्र हुए। याजकों और लेवियों ने आराधना का नेतृत्व किया, वही गीत गाते हुए जो उनके पूर्वजों ने तब गाए थे जब सुलैमान के दिनों में मूल मंदिर बनाया गया था। – Slide número 14
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उन्होंने गाया, 'परमेश्वर अच्छा है। वह हमेशा इस्राएल से प्रेम करेगा।’ बहुत से लोग इतने खुश थे कि वे जोर से चिल्लाए और आवाज दूर तक सुनाई दी। – Slide número 15
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परन्तु जिन वृद्ध लोगों ने मन्दिर के नष्ट होने से पहले उसे देखा था वे रो पड़े। वे देख सकते थे कि नए मंदिर का आधार मूल मंदिर से बहुत छोटा था। सबने इतना शोर मचाया कि आनन्द करने वालों और रोनेवालों में भेद न कर सके। – Slide número 16
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