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पौलुस का रोम पहुंचना।

पौलुस सांप के काटने के बाद भी बच जाता है और रोम की यात्रा करता है।
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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पौलुस और 276 अन्यलोग जो जहाज के टूटने से बह गए थे जब वे सुरक्षित किनारे पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि वे माल्टा द्वीप पर थे। – Slide número 1
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उस द्वीप के लोग दयालु थे क्योंकि वह दिन बहुत ही ठंड़ा था और बरसात हो रही थी इसलिए उन्होंने उनका स्वागत करने के लिए आग जलाई। जैसे ही पौलुस ने लकडि़यों का एक गठ्ठर आग पर ड़ाला तो आग की लपट से भागते हुए एक जहरीले सांप ने पौलुस को हाथ पर काट लिया। – Slide número 2
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जिन्होंने सांप को उसके हाथ पर लटके हुए देखा था, वे एक-दूसरे से कहने लगे निश्चय ही ये मनुष्य हत्यारा है, चाहे वह समुद्र से बच गया हो लेकिन न्याय उसे जीने नहीं देगा। पौलुस ने अपना हाथ झिड़ककर सांप को आग में फेंक दिया उसे कोई हानि नहीं हुई थी। जब पौलुस का हाथ नहीं सूजा और वह अचानक नहीं मरा तो वहाँ के स्थानीय लोगों ने उसे देवता मान लिया। – Slide número 3
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पुबुलियुस जो द्वीप का मुख्य कर्मचारी था उसने टूटे जहाज के पीडि़त लोगों का स्वागत किया और तीन दिन तक उन्हे भोजन दिया। पुबुलियुस का पिता ज्वर और पेचिश से ग्रस्त था। पौलुस ने उसके सिर पर हाथ रखकर प्रार्थना कि और वह चंगा हो गया। और लोगों को भी पौलुस के पास लाया गया और वे भी चंगे हो गये। – Slide número 4
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तीन महीने के बाद वे वापस दूसरे जहाज पर सवार हुए जो सर्दियों के लिए द्वीप पर आया था। – Slide número 5
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वे तीन दिन तक सिराकुस में रूके उसके बादे वे रेजियम के पार निकल गए। एक दिन के बाद दक्षिण से आंधी उठी इसलिए वे खेते हुए पुतिओली के किनारे पर आ गए। – Slide número 6
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पुतिओली में पौलुस कुछ मसीहियों से मिला, उन्होंने उसे उनके यहाँ पर एक सप्ताह तक ठहरने को कहा। – Slide número 7
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वहाँ से उन्होंने उत्तरी रोम का मार्ग लिया। जब वे रास्ते ही में थे तो रोम के मसीहियों ने उनके आने का समाचार सुना तो वे पौलुस से मिलने आप्पिया के मार्ग में गए। अन्य लोग तीन सराय मे आकर पौलुस से मिले। – Slide número 8
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जब पौलुस ने उन्हें देखा तो वह उत्साह से भर गया और उसने परमेश्वर का धन्यवाद किया। – Slide número 9
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जब पौलुस रोम में पहुंचा तो उसे अपनी व्यक्तिगत सराय में रहने की अनुमति दी गई। हालांकि एक सैनिक उस पर नजर रखे हुए था। – Slide número 10
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पौलुस ने अपने आने के तीन दिन के बाद यहूदी अगुवों को बुलाकर उनसे कहा, ‘भाईयों, मुझे बिना किसी अपराध के यरूशलेम में गिरफ्तार किया गया था। रोमियों ने मुझे जांचा और मुझे छोड़ना चाहते थे, लेकिन यहूदी अगुवों ने उनका विरोध किया इसलिए मैंने कैसर से विनती की, मुझे जंजीरों में इसलिए बांधा गया क्योंकि मैं विश्वास करता हूँ कि मसीह आ चुका है। – Slide número 11
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रोम के यहूदी अगुवों ने पौलुस के मुकदमें के बारे में नहीं सुना था। उन्होंने कहा ‘हर जगह इस क्रांति को नकारा गया है लेकिन हम सुनना चाहते है कि तू किस पर विश्वास करता है।’ – Slide número 12
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भारी संख्या में लोग पौलुस की सराय पर पहुंचे। उसने उन्हें परमेश्वर राज्य के बारे में बताया और उन्हें शास्त्रों में यीशु की बारे में लिखा होने बातें बताने की कोशिश करने लगा। – Slide número 13
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वह सुबह लेकर शाम तक उनसे मूसा और भविष्यवक्ताओं की पुस्तकों में से बातें करता रहा। – Slide número 14
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कुछ लोगों ने उसकी बातें मान ली, लेकिन अन्य लोगों ने विश्वास नहीं किया। पौलुस ने उससे कहा, ‘मैं तुम लोगों को यह बताना चाहता कि ये उद्धार परमेश्वर की ओर से अन्यजातियो को भी दिया गया और वे इस ग्रहण करेंगे।’ – Slide número 15
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अगले दो वर्षों के लिए, पौलुस अपने खर्च पर रोम में रहा। उसने उन सभी का स्वागत किया जो उससे मिलने आए, और साहसपूर्वक प्रभु यीशु मसीह के बारे में सिखाते रहे। किसी ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की। – Slide número 16
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(बाइबल यह नहीं कहती है कि आगे क्या हुआ लेकिन इग्नेशियस ने 110AD के आसपास लिखा कि पौलुस शहीद हो गया और मसीही परंपरा के अनुसार पौलुस का रोम में सिर काट दिया गया था)। – Slide número 17