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एज्रा का यरूशलेम वापस लौटना

एज्रा परमेश्वर के नियमों को पढ़ने के लिए यरूशलेम लौटता है।
योगदानकर्ता स्वीट पब्लिशिंग
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एज्रा नाम का एक शास्त्री जो याजक भी था, वह राजा अर्तक्षत्र के राज्यकाल के दौरान फारस साम्राज्य के बेबिलोन प्रांत में रहा करता था। राजा ने एज्रा को एक पत्र  दिया जिसमें उसे यरूशलेम लौटकर परमेश्वर की व्यवस्था सिखाने और लोगों को न्यायी नियुक्त करने की अनुमति प्रदान की गई थी। राजा ने उसे बहुत सारा सोना व चांदी भेंट स्वरूप सौंपे और जो आराधना के पात्र यरूशलेम के मंदिर से ले लिए गए थे उन्हें भी लौटा दिया। एज्रा ने अपने साथ वे लेख जिन पर परमेश्वर की व्यवस्थाएं लिखी थी ले लिए। उसने अपने जीवन को लोगों को परमेश्वर की व्यवस्था सिखाने हेतु अर्पित कर दिया था। – Slide número 1
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और यहूदियों का एक बहुत बड़ा दल जो एज्रा के साथ वापस जा रहा था वे सभी अहाव नहर के पास एकत्रित हुए। हालाँकि भीड में बहुत से याजक मौजूद थे लेकिन यरूशलेम वापस लौटने वालों में कोई लेवी और मंदिर के सेवक नही थे। एज्रा के परमेश्वर की व्यवस्था सिखाने में सहायता के लिए लेवियों की आवश्यकता थी। – Slide número 2
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इसलिए एज्रा ने दूतों के एक दल को सहायता करने की विनती का संदेश के साथ कासिपीया में रहने वाले लेवियों के सरदार इद्दो के पास भेजा। – Slide número 3
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लेवियों ने एज्रा की विनती को मान लिया और यरूशलेम लौटने वालों में शामिल हो गए। उनमें 220 मंदिर के सेवक भी शामिल हो गए। – Slide número 4
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एज्रा ने 12 प्रमुख याजकों को चुना और सोने, चाँदी और उन वस्तुओं को तौला जो राजा ने यरूशलेम के मन्दिर के लिए दी थी। उन्होंने उन्हें जिम्मेदार होने और 850 तोडे़ (29 मैट्रिक टन) सोने के खजाने की रक्षा करने के लिए कहा। – Slide número 5
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एज्रा ने सभी को यरूशलेम की सुरक्षित यात्रा के लिए उपवास और प्रार्थना करने को कहा। वह राजा से सैनिकों के लिए उन्हें रक्षा करने के लिए नहीं कहना चाहता था क्योंकि उसने राजा से कहा था कि परमेश्वर उनकी रक्षा करता है जो उसकी ओर मुड़ते हैं और जो उसे छोड़ देते हैं उनके खिलाफ अपना क्रोध दिखाता है। और समूह ने उनकी और उनके कीमती सामान की देखभाल के लिए परमेश्वर पर भरोसा रखते हुए निकल पड़ा। – Slide número 6
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और यात्रा में चार महीने लगे लेकिन इस दौरान परमेश्वर ने उनको लुटेरों और शत्रुओं के हमलों से बचाए रखा। – Slide número 7
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और अंत में एज्रा और उसके सहयात्री यरूशलेम पहुंच गए। – Slide número 8
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उन्होने छावनी ड़ाली और 3 दिनों तक वहीं पर विश्राम किया। – Slide número 9
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और चौथे दिन सोने को एक बार फिर से तोला गया और इसके बाद मरमोथ नामक याजक को सौंप दिया गया। हर चीज का हिसाब लिया गया था ताकि पता चल सके कि कहीं कोई चीज चोरी या गुम तो नहीं हो गई थी इसके बाद सभी ने परमेश्वर को होमबलियां अर्पित की। – Slide número 10
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यरूशलेम लौटने के एकदम बाद अगुवों ने आकर एज्रा को समाचार दिया कि जो यहूदी याजकों और लेवियों सहित अब वहाँ पर रह रहे थे, वे पड़ोसी देशों के लोगों से विवाह कर चुके थे जो झूठे देवताओं की आराधना किया करते थे। – Slide número 11
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एज्रा यह समाचार सुनकर विचलित हो उठा। उसने दुखी होकर अपने कपड़े फाड़ डाले और अपनी दाढ़ी के बाल नोंच लिए। और जो लोग परमेश्वर का भय मानते थे वे एज्रा के आसपास एकत्रित हो गए। एज्रा इस अनाज्ञाकारिता के बारे में शाम को बलि चढ़ाने के समय तक अपना दुख प्रकट करता रहा। – Slide número 12
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इसके बाद वह अपने घुटनों पर बैठा और बांहे फैलाकर प्रार्थना की। एज्रा ने परमेश्वर से कहा कि वह उसके लोगों की अनाज्ञाकारिता से बेहद शर्मिंदा है उनके आज्ञा न मानने के कारण उन्हें गुलाम बनना पड़ा। लेकिन इन लोगों को इनके देश में वापस लौटाकर परमेश्वर ने बड़ी दया दिखाई। अब इन्होने मूर्तिपूजक लोगों के साथ विवाह करके घिनौने कार्य किए हैं। एज्रा ने परमेश्वर से उन सब लोगों को नष्ट न करने की दुहाई दी। – Slide número 13
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जब एज्रा प्रार्थना कर रहा था, अपने पापों को कबूल कर रहा था, रो रहा था और खुद को मंदिर के सामने गिरा रहा था, तो यहूदियों की एक बड़ी भीड़ उसके चारों ओर इकट्ठी हो गई और बिलख-बिलख कर रोने लगी। उनमें से एक शकन्याह ने घोषणा की, 'हम उन विदेशी स्त्रियों से विवाह करके अपने परमेश्वर के प्रति विश्वासघाती हैं जो परमेश्वर की उपासना नहीं करती हैं। आइए हम परमेश्वर के नियम के अनुसार इन स्त्रियों और उनके बच्चों को दूर भेजने का वचन दें।' – Slide número 14
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एज्रा ने उठकर प्रमुख याजकों, लेवियों और लोगों को जो कहा गया था उसे करने की शपथ दिलाई। उन सभी निर्वासित पुरुषों के लिए एक आदेश दिया गया – या तो येरूशलेम में इकट्ठा हो जाओ अन्यथा संपत्ति कुर्क की जाएगी। – Slide número 15
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तीन दिन के बाद यहूदा और बिन्यामीन के लोग मन्दिर के सामने के चौक में इकट्ठे हुए। बारिश हो रही थी और वे परेशान थे। एज्रा ने उनसे कहा, 'तुमने विश्वासघात किया है और तुमने विदेशी स्त्रियों से विवाह किया है। यह परमेश्वर का आदर करने और उसकी आज्ञा मानने का समय है। अपने चारों ओर मूर्तिपूजक लोगों से और अपनी विदेशी पत्नियों से स्वयं को अलग करो।' – Slide número 16
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उन्होंने जवाब दिया, 'आप सही कह रहे हैं! जैसा आप कहते हैं हमें वैसा ही करना चाहिए, लेकिन हमें इसे सुलझाने और परमेश्वर के साथ अपने जीवन को सही करने के लिए समय चाहिए।' जिन लोगों ने विदेशी महिलाओं से शादी की थी, वे उन शहरों के बुजुर्गों और न्यायाधीशों के सामने उपस्थित होने के लिए सहमत हुए, जहाँ वे अपने मामलों की सुनवाई के लिए रहते थे। कुछ ही लोगों ने ऐसा करने का विरोध किया। – Slide número 17
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एज्रा ने उन पुरुषों को चुना जो परिवार के मुखिया थे। दसवें महीने के पहले दिन वे मुक़द्दमों की जाँच करने को बैठे। पहले महीने के पहले दिन तक प्रत्येक मामले की सुनवाई हो चुकी थी (कुल 112 मामले)। – Slide número 18
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मूर्तिपूजक पत्नियों वाले पुरुषों ने उनसे अलग होने का समझौता किया और अपने पापों के लिए परमेश्वर को भेंटें दीं। इस प्रकार परमेश्वर की आज्ञा न मानने वालों में याजक और लेवीय, गाने बजानेवाले और मन्दिर के सेवक थे। – Slide número 19
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