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मूर्ख, लालची किसान

यीशु एक अमीर मूर्ख के बारे में एक दृष्टान्त बताता है।
योगदानकर्ता लैम्बसांग्स
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यीशु ने यह कहानी एक किसान के बारे में बताई जिसके खेत में गेंहू की बड़ी फसल हुई। उसके पास इतनी बड़ी फसल थी! किसान को लगा कि वह बहुत होशियार है। – Slide número 1
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"मैं यह किसी को नहीं बेचूंगा और किसी को नहीं दूंगा"। उसने कहा, "मैं यह सब अपने लिए रखूंगा। मैंने इसे उगाया है और इसलिए मैं यह सब रखूंगा। यह मेरा है, मेरा है, मेरा है!" – Slide número 2
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किसान ने कहा, "मेरा खलिहान बहुत छोटा हैं, इसलिए मैं उसको तोडूंगा और एक बड़ा खलिहान बनाऊंगा।" तो मूर्ख, लालची किसान ने नए खलिहान बनाए और उन्हें भर दिया। – Slide número 3
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उसे अपने आप पर बहुत गर्व महसूस हुआ। "मैं कितना चालाक हूँ," उसने सोचा। "मैंने इतना गेहूँ उगाया है कि मुझे फिर कभी काम नहीं करना पड़ेगा।" – Slide número 4
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लेकिन उसी रात वह मूर्ख, लालची किसान मर गया। अब सारा गेहूं किसका हुआ? किसान के मरने के बाद उसका कोई फायदा नहीं हुआ। – Slide número 5
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यीशु ने यह कहानी हमें यह देखने में मदद करने के लिए बताई है कि जो चीजें हमारे पास हैं वे थोड़े समय के लिए ही रहती हैं। मरने पर हम उन्हें अपने साथ नहीं ले जा सकते। – Slide número 6
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परमेश्वर को जानना और उससे प्रेम करना, धनवान होने या बहुत कुछ होने से बेहतर है। परमेश्वर चाहता है कि हम दूसरों के साथ साझा करें जिन्हें सहायता की आवश्यकता है। हम जो कुछ भी परमेश्वर के लिए करते हैं वह हमेशा के लिए रहता है - स्वर्ग में भी! – Slide número 7
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