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लोग तरसुस के शाऊल से डरते थे क्योंकि वह यीशु में विश्वास करनेवालों को गिरफ्तार कर लेता था। लेकिन एक दिन उसका जीवन बदल गया जब परमेश्वर ने दमिश्क के मार्ग पर उससे बात की। – Slide número 1
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तरसुस का शाऊल यीशु पर विश्वास करने वाले को तब तक दण्ड देता रहा जब तक वह स्वयं यीशु मसीह का अनुयायी न बन गया और बपतिस्मा न लिया। वह कुछ दिनों तक दमिश्क में मसीहियों के साथ रहा। – Slide número 2
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जब उसे समझ आया कि यीशु कौन था तो वह बहुत उत्साहित हुआ और यहूदी नेताओं को बताना चाहता था कि यीशु मसीह परमेश्वर का पुत्र, वादा किया हुआ मसीहा था। हर कोई आश्चर्यचकित था क्यूंकि शाऊल अब मसीही था। – Slide número 3
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बहुत से लोगों ने भरोसा किया और मसीही भी बन गए, लेकिन कुछ यहूदी उनसे छुटकारा पाना चाहते थे। वे शाऊल को पकड़ने और उसे मार डालने के अवसर की प्रतीक्षा में दिन-रात नगर के फाटक पर रहते थे । – Slide número 4
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परमेश्वर ने शाऊल को फाटक से होकर शहर न छोड़ने की चेतावनी दी, इसलिए उसने अंधेरा होने तक इंतजार किया और उसके दोस्त उसे शहर की दीवार पर की एक खिड़की के पास ले गए। – Slide número 5
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उन्होंने शाऊल को एक टोकरी में रखा और चुपचाप उसे रस्सी के सहारे नीचे उतार दिया। वह शहर के बाहर सुरक्षित उतर गया और उन्होंने तुरंत खाली टोकरी खींच ली। – Slide número 6
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शाऊल यरूशलेम की सड़क पर चलता रहा, और उसे सुरक्षित रखने के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देता रहा। वह जानता था कि कुछ लोग अभी भी उससे डरेंगे क्योंकि उसने बहुत सारे मसीहियों को गिरफ्तार किया था। – Slide número 7
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शाऊल ने सभी को यीशु के बारे में बताना शुरू किया और बरनबास ने उसे एक भाई के रूप में स्वागत किया। शाऊल अब प्रेरित पौलुस और एक बुद्धिमान शिक्षक बन गया जिसने बाइबल का कुछ भाग लिखा। – Slide número 8
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