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यीशु मसीह का मित्र लाजर

यीशु ने लाजर, मरियम और मार्था के पास जाने में देरी की।
योगदानकर्ता योमिनिस्ट्री
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यरूशलेम से कुछ ही दूरी पर, बेथानी नामक गाँव में, भाई-बहनों का एक परिवार रहता था जिन्होंने यीशु का स्वागत किया। उनके नाम मरियम, मार्था और लाजर थे। यीशु इस परिवार के प्रत्येक सदस्य से गहरा प्रेम रखता था। – Slide número 1
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परिवार ने अपना घर यीशु और चेलों के लिए खोल दिया। मार्था ने भोजन पकाने में कड़ी मेहनत की जबकि मरियम यीशु के चरणों में बैठी और उनके बातों को ध्यान से सुना (लूका 10:38–41)  एक बार मरियम ने तेल से उनके पैरों का अभिषेक किया था। – Slide número 2
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यीशु के उनके घर से जाने क बाद, मरियम और मार्था का भाई लाजर गंभीर रूप से बीमार हो गया। मरियम और मार्था जानते थे कि यीशु लाजर को ठीक कर सकता है। उन्होंने यीशु को ढूँढ़ने और उससे मदद माँगने के लिए किसी को भेजने का फैसला किया। – Slide número 3
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जब यीशु को लाजर की बीमारी का सन्देश मिला, तो उसने कहा, यह बीमारी मृत्यु में नहीं, परन्तु परमेश्वर की महिमा के लिये है, जिस से परमेश्वर के पुत्र की महिमा हो।' – Slide número 4
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यीशु मरियम, मार्था और लाजर से बहुत प्रेम करता था। इस कारण आप सोच रहे होंगे कि वह तुरंत मदद के लिए दौड़ पड़ा होगा। लेकिन प्रभु की और भी बड़ी योजनाएँ थीं। सो यीशु जाने के उचित समय तक वहीं रहा जहां वह था। – Slide número 5
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दो दिन के बाद उसने अपने चेलों से कहा, 'आओ हम फिर यहूदिया चलें।' चेले जानते थे कि यहूदिया में लाजर की मदद करना बहुत खतरनाक था। वे जानते थे कि यीशु के शत्रु उसकी जान लेने के लिए यरूशलेम में निकट ही प्रतीक्षा कर रहे थे। – Slide número 6
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यीशु ने कहा, लाजर मर गया, और मैं तुम्हारे कारण प्रसन्न हूं, कि मैं वहां नहीं था, कि तू विश्वास करे; लेकिन अब हम उसके पास चलें।' थोमा ने अपने संगी चेलों से कहा, 'आओ, हम भी चलें, कि हम यीशु के साथ मर जाएं।' – Slide número 7
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वे शहर के पास मरियम, मार्था और लाजर के घर (बेथनी) वापस चले गए, जहां यीशु के शत्रु उसे मौत के घाट उतारने की उम्मीद कर रहे थे। इस समय लाजर को कब्र में दफनाए चार दिन हो चुके थे। – Slide número 8
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जब वे बैतनिय्याह पहुंचे, तो वहां यरूशलेम से बहुत से यहूदी भी थे। मार्था यीशु से मिली और कहा, 'हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता, तो मेरा भाई न मरता।' यीशु ने मार्था से कहा, 'तुम्हारा भाई जी उठेगा।' – Slide número 9
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मार्था ने उससे कहा, “मैं जानती हूँ, अन्तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।” यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ: जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तो भी जीएगा। और जो कोई जीवित है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा। – Slide número 10
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जब मरियम यीशु के पास आई तो वह उनके चरणों में गिर पड़ी। “हे प्रभु, यदि तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता”, वह रोई। जब यीशु ने उसको और जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा, तो बहुत ही उदास और व्याकुल होकर यीशु मसीह भी रोया। – Slide número 11
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लाजर की कब्र पर। यीशु ने आँखें उठाकर कहा, “हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तूने मेरी सुन ली है। और मैं जानता हूँ , कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस-पास खड़ी है, उनके कारण मैंने यह कहा, जिससे कि वे विश्वास करें, कि तूने मुझे भेजा है।” – Slide número 12
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तब यीशु ने बड़े शब्द से पुकारा, 'लाजर, बाहर आ।' वह मनुष्य जो मर गया था, वह कफन से हाथ पाँव बंधे हुए निकल आया और उसका मुँह अँगोछे से लिपटा हुआ था। यीशु ने उनसे कहा, “उसे खोल दो, और उसे जाने दो।” – Slide número 13
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बहुत से यहूदी जो मरियम और मार्था को सांत्वना देने आए थे उनके भाई की मृत्यु पर, अब उनके साथ आनन्द मना रहे थे कि लाजर जीवित हो गया था। कुछ लोग यीशु में विश्वास  करने लगे परन्तु कुछ लोगों ने विश्वास नहीं किया। – Slide número 14
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