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याकूब और एसाव

याकूब एसाव के पहिलौठे का अधिकार हासिल करने के लिए धोखा देता है l
योगदानकर्ता योमिनिस्ट्री
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इब्राहीम का पुत्र इसहाक बड़ा हुआ और उसने रिबका से विवाह किया। रिबका ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। और पहिला जो उत्पन्न हुआ सो लाल निकला, और उसका सारा शरीर कम्बल के समान रोममय था; सो उसका नाम ऐसाव रखा गया। पीछे उसका भाई अपने हाथ से ऐसाव की एड़ी पकड़े हुए उत्पन्न हुआ; और उसका नाम याकूब रखा गया।<br/>(उत्पत्ति 25:24-26) – Slide número 1
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जब लड़के बड़े हो गए तब ऐसाव वनवासी हो कर चतुर शिकार खेलने वाला हो गया, पर याकूब सीधा मनुष्य था, और तम्बुओं में रहा करता था। और इसहाक तो ऐसाव के अहेर का मांस खाया करता था, इसलिये वह उससे प्रीति रखता था: पर रिबका याकूब से प्रीति रखती थी l<br/>(उत्पत्ति 25:27–28) – Slide número 2
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जब याकूब भोजन पका चुका, तब ऐसाव मैदान से थका हुआ आया। ऐसाव ने याकूब से कहा, वह जो लाल वस्तु है, उसी लाल वस्तु में से मुझे कुछ खिला, क्योंकि मैं थका हूं। इसी कारण उसका नाम एदोम भी पड़ा। परन्तु याकूब ने कहा, पहले अपना पहिलौठे का अधिकार मुझे बेच दे l<br/> (उत्पत्ति 25:29-31) – Slide número 3
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ऐसाव ने कहा, देख, मैं तो अभी मरने पर हूं: सो पहिलौठे के अधिकार से मेरा क्या लाभ होगा? <br/>याकूब ने कहा, मुझ से अभी शपथ खा: सो उसने उससे शपथ खाई: और अपना पहिलौठे का अधिकार याकूब के हाथ बेच डाला। इस पर याकूब ने ऐसाव को रोटी और पकाई हुई मसूर की दाल दी; और उसने खाया पिया, तब उठ कर चला गया। यों ऐसाव ने अपना पहिलौठे का अधिकार तुच्छ जाना l<br/>(उत्पत्ति 25: 32–34) – Slide número 4
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जब इसहाक बूढ़ा हो गया, और उसकी आंखें ऐसी धुंधली पड़ गईं, कि उसको सूझता न था, तब उसने अपने जेठे पुत्र ऐसाव को बुला कर कहा, हे मेरे पुत्र; उसने कहा, क्या आज्ञा। उसने कहा, सुन, मैदान में जा, और मेरे लिये हिरन का अहेर ले आ। तब मेरी रूचि के अनुसार स्वादिष्ट भोजन बना कर मेरे पास ले आना, कि मैं उसे खा कर मरने से पहले तुझे जी भर के आशीर्वाद दूं। <br/>(उत्पत्ति 27:1–4) – Slide número 5
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जब इसहाक ऐसाव से यह बात कह रहा था, तब रिबका सुन रही थी। तब ऐसाव हिरन का अहेर लेने मैदान में गया। तब रिबका ने अपने पुत्र याकूब से कहा सुन, बकरियों के पास जा कर बकरियों के दो अच्छे अच्छे बच्चे ले आ; और मैं तेरे पिता के लिये उसकी रूचि के अनुसार उन के मांस का स्वादिष्ट भोजन बनाऊंगी। <br/>(उत्पत्ति 27:5,6,9) – Slide número 6
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रिबका ने भोजन तैयार किया, और याकूब के लिये एसाव के उत्तम वस्त्र लिये, और बकरियों की खालों को याकूब के हाथों और उसकी गर्दन के चिकने भाग पर लगाया। याकूब अपनी माता को छोड़ इसहाक को भोजन देने के लिये गया और कहा कि वह एसाव है।<br/> (उत्पत्ति 27:6–19) – Slide número 7
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हालाँकि इसहाक नहीं देख सकता था, लेकिन उसे यकीन नहीं था कि वास्तव में एसाव ही उसके लिए भोजन लाया था। इसहाक ने सीधे याकूब से पूछा, 'क्या सचमुच तुम एसाव हो?' और याकूब ने फिर झूठ बोला और कहा कि वह एसाव है। इसहाक अंततः याकूब को आशीर्वाद देने के लिए सहमत हो गया। <br/>(उत्पत्ति 27:20–29) – Slide número 8
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याकूब अपने पिता इसहाक के साम्हने से निकला ही था। एसाव उस भोजन के साथ आया जो उसने अपने पिता के लिए बनाया था। इसहाक और एसाव दोनों यह जानकर हैरान रह गए कि याकूब को पहले ही आशीष मिल चुकी है। एसाव क्रोधित हुआ और उसने अपने भाई याकूब को मारने की कसम खाई।<br/> (उत्पत्ति 27:30–41) – Slide número 9
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इसहाक और रिबका ने याकूब को घर छोड़ने और उत्तर की ओर रिबका की मातृभूमि (हारान) जाने के लिए प्रोत्साहित किया। वहाँ इसहाक और रिबका उम्मीद कर रहे थे कि याकूब को उनके कबीले से पत्नी मिल जाएगी। यह एक लंबी यात्रा थी और याकूब ने अकेले यात्रा की।<br/> (उत्पत्ति 28:1–7) – Slide número 10
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सो उसने उस स्थान के पत्थरों में से एक पत्थर ले अपना तकिया बना कर रखा, और उसी स्थान में सो गया। तब उसने स्वप्न में, देखा कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुंचा है: और परमेश्वर के दूत उस पर से चढ़ते उतरते हैं। (Genesis 28:13-15)<br/>आनन्दित होकर, याकूब ने परमेश्वर की स्तुति की और पत्थर को एक स्मारक के रूप में में खड़ा किया और उस स्थान को बेथेल कहा। (Genesis 28:16-19) – Slide número 11
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परमेश्वर ने याकूब को उसकी माता की मातृभूमि की ओर ले गया । वहाँ उसे अपने मामा लाबान की बेटी राहेल से प्यार हो गया। लाबान अपनी बहन रिबका की तरह चालबाज़ियों से भरा हुआ था इसलिए वह धोके से याकूब को राहेल और उसकी बहन लिआ: दोनों से शादी करवाने में कामयाबी हासिल की। <br/>(Genesis 29:1-29) – Slide número 12
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परमेश्वर याकूब के साथ था और उसने उसे बहुत से बच्चों, पशुओं और धन के साथ आशीष दिया। लाबान को जलन हुई और वह याकूब को हतोत्साहित करने का प्रयास करता रहा। कई वर्षों के बाद याकूब ने राहेल और लिआ से कहा कि वह घर लौटना चाहता है। सो वे अपना सामान समेट कर याकूब के देश को चले गए। <br/>(Genesis 30:25 - 31:21) – Slide número 13
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जब याकूब अपके देश के निकट पहुंचा, तब वह अपने भाई एसाव से फिर मिलने से डरने लगा। याकूब ने प्रार्थना की और इस बार परमेश्वर उससे अप्रत्याशित रूप से मिला। उस रात अपनी चिंता में याकूब ने एक अजनबी के साथ रात भर कुश्ती लड़ते रहे।<br/> (उत्पत्ति 32:24-25) – Slide número 14
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बहुत देर बाद, याकूब ने कहा: 'जब तक तू मुझे आशीर्वाद न दे, मैं तुझे जाने न दूंगा।' सो उस ने उस से कहा, 'तेरा नाम क्या है?' और उसने कहा, 'याकूब।' उस ने कहा, तेरा नाम अब याकूब नहीं, वरन इस्राएल होगा; क्योंकि तू ने परमेश्वर और मनुष्यों से यत्न किया है, और प्रबल हुआ है।<br/>(उत्पत्ति 32:26-28) – Slide número 15
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और याकूब ने आंखें उठा कर यह देखा, कि ऐसाव चार सौ पुरुषों के संग चला आ रहा था l तब ऐसाव उससे भेंट करने को दौड़ा, और उसको हृदय से लगा कर, गले से लिपट कर चूमा: फिर वे दोनों रो पड़े। उत्पत्ति 33:1–4) इस प्रकार परमेश्वर ने याकूब और एसाव को आशीष दी। – Slide número 16
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