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अहाब - क्रोध से होंठ फुलाने वाला राजा

राजा अहाब और ईज़ेबेल ने नाबोत की दाख की बारी के लिए उसकी हत्या कर दी।
योगदानकर्ता मूडी पब्लिशर्स
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एक दिन इस्राएल का शासक, राजा अहाब, जेजरील  में अपने ग्रीष्मकालीन महल में जा रहा था। जब उसने अपने बगीचे को देखा तो उसने अपने पास मौजूद सभी खूबसूरत चीजों की प्रशंसा की। – Slide número 1
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दुनिया में ऐसा प्यारा बगीचा कहाँ हैं? ऐसा बगीचा जो इतना सुनहरा हो और वह उसका था, सब उसका! – Slide número 2
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जब राजा वहाँ खड़ा होकर अपने बगीचे को निहार रहा था तो उसने सोचने की कोशिश की कि उसकी सुंदरता में और जोड़ा जा सकता है। अचानक उसे कुछ नजर आया। – Slide número 3
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उसके अपने बगीचे के ठीक बगल में, दीवार के दूसरी ओर, एक बढ़िया दाख की बारी देखी। लताएँ फलों से भरी थीं, और राजा देख सकता था कि भूमि अच्छी है। – Slide número 4
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राजा अहाब तुरन्त उस दाख की बारी को चाहता था। क्योंकि, उसे अपने बगीचे को बड़ा करने के लिए बस इतना ही चाहिए था! वह अंगूर की लताओं को थोड़ सकता था और जो चाहे लगा सकता था। – Slide número 5
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अपनी नई खोज से बहुत उत्साहित होकर, राजा अहाब दाख की बारी के मालिक - नाबोत नाम के एक व्यक्ति को देखने गया। – Slide número 6
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राजा ने नाबोत को बताया कि वह दाख की बारी कैसे चाहता है, क्योंकि यह उसके अपने बगीचे के पास था, और वह इसे खरीदने के लिए तैयार था, किसी भी कीमत पर। – Slide número 7
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नाबोत के लिए, यह भूमि देखभाल के साथ सुरक्षित रखने के लिए थी क्योंकि परमेश्वर ने इसे उनके परिवार को उनकी विरासत के रूप में दिया था। – Slide número 8
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व्यवस्था के अनुसार, नाबोत का विरासत उसी का था। – Slide número 9
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इसे राजा भी नहीं ले सकता था। यहाँ कुछ ऐसा था जो राजा चाहता था और नहीं ले सकता था। – Slide número 10
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इस से अहाब बहुत क्रोधित हुआ। नाबोत ने उसे मना करने का साहस कैसे किया - राजा को! खासकर जब वह दाख की बारी के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार था! – Slide número 11
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जब अहाब सामरिया में अपने दरबार में लौटा तो उसने अपनी निराशा के बारे में सोचा और जितना अधिक उसने सोचा, उतना ही अधिक दुखी महसूस किया। – Slide número 12
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उसके सभी बड़े महल, उसकी दौलत और उसकी शक्ति अब राजा अहाब के लिए कुछ भी नहीं थी। राजा होने का क्या फायदा जब उसे वो चीज़ नहीं मिल सकता था जो वह चाहता था? – Slide número 13
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राजा अहाब इतना दुखी था कि वह अपने बिस्तर में चला गया और उसने किसी से बात नहीं की। – Slide número 14
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जब राजा ने अपनी भूख खो दी और खाने से इनकार कर दिया, तो नौकर चिंतित हो गए, और उन्होंने फैसला किया कि उन्हें रानी को बताना चाहिए। – Slide número 15
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रानी ईज़ेबेल एक बहुत ही दुष्ट, क्रूर और स्वार्थी महिला थी, और वह शक्तिशाली भी थी। राजा अहाब इस्राएल पर शासन करता था, लेकिन रानी ईज़ेबेल राजा पर शासन करती थी। – Slide número 16
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जब नौकरों ने बताया कि राजा दुखी है और अपना खाना नहीं खा रहे , तो रानी ईज़ेबेल ने तुरंत मामले को संभालने का फैंसला किया। – Slide número 17
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'क्या बस इतनी सी परेशानी है ?' राजा को शांत करते हुए वह हंस पड़ी। 'आओ, उठो और खाओ और खुश रहो। मैं तुम्हारे लिए दाख की बारी लाऊंगी।' – Slide número 18
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तब रानी ईज़ेबेल ने जेजरील के हाकिमों को पत्र लिखा, जिस नगर में नाबोत रहता या, जो सामरिया में राजभवन से काफ़ी दूर था। – Slide número 19
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और उसने उन पत्रों पर राजा के नाम से हस्ताक्षर करके उस पर उसकी मुहर लगा दी, जिससे नगर के हाकिम आज्ञा मानने को विवश हों। – Slide número 20
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चिट्ठियों में यह आज्ञा दी गई कि नाबोत को लोगों के सामने लाया जाए, और दो दुष्ट मनुष्य पाए जाएं, जो यह शपथ खाएंगे कि नाबोत ने परमेश्वर और राजा के विरुद्ध बातें की हैं। – Slide número 21
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और उस चिट्ठी में यह लिखा था, ‘उसको ले जाकर पथराव करना, कि वह मर जाए।’ चिट्ठी पर राजा के हस्ताक्षर और मुहर होने के कारण, हाकिम आज्ञाओं का पालन करने के सिवा क्या कर सकते थे? – Slide número 22
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बेशक जब नाबोत पर मुकदमा चलाया गया तो उसने लोगों को यह बताने की कोशिश की कि वह एक परमेश्वर का भय मानने वाला व्यक्ति है और वह कभी भी परमेश्वर या राजा के खिलाफ बात नहीं करेगा। – Slide número 23
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परन्तु दो झूठे गवाहों ने शपथ खाई कि नाबोत दोषी है और लोगों ने उन पर विश्वास किया। – Slide número 24
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नाबोत को नगर की शहरपनाह के बाहर ले जाया गया और पथराव करके मार डाला गया। – Slide número 25
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जब रानी ईज़ेबेल को समाचार मिला, कि नाबोत मर गया है, तब उसने अहाब से कहा, जा, उस दाख की बारी को ले ले, जिसे नाबोत ने तुझे बेचने से इन्कार किया था, वो जीवित नहीं, परन्तु मर गया है। – Slide número 26
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अहाब अपनी चतुर रानी से प्रसन्न था। उसने न केवल उसे वह दिया जो वह चाहता था, लेकिन अब उसे एक पैसा भी खर्च नहीं करना पड़ेगा! – Slide número 27
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इसलिए राजा ने कोई समय नहीं गंवाया वहाँ जाने के लिए। वह उस दाख की बारी में खड़े होने और कहने के विचार से पहले से ही उत्साहित था, 'यह मेरा है, सब मेरा है!' – Slide número 28
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निःसंदेह, नाबोत के मरने के बाद राजा के मार्ग में कोई खड़ा नहीं हो सकता था। कोई नहीं, अर्थात् परमेश्वर के अलावा। अहाब परमेश्वर को भूल गया था, परन्तु परमेश्वर अहाब को नहीं भूला। – Slide número 29
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एलिय्याह एक महान भविष्यद्वक्ता था, और परमेश्वर ने उस से बात की और उसे इस्राएल के राजा अहाब से नाबोत की दाख की बारी में मिलने के लिए कहा, और यहोवा ने एलिय्याह को बताया कि दुष्ट राजा से क्या कहना है। – Slide número 30
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तब राजा अहाब दाख की बारी में खड़ा हुआ। लेकिन उसने जो देखा उससे उसका दिल थम सा गया! वहाँ एलिय्याह खड़ा था - परमेश्वर का सख्त भविष्यद्वक्ता! – Slide número 31
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तब अहाब ने पुकारकर कहा, हे मेरे शत्रु, क्या तू ने मुझे ढूंढ लिया है? एलिय्याह ने उत्तर दिया, कि मैं ने तुझे ढूंढ लिया है, क्योंकि तू ने यहोवा की दृष्टि में बुराई करने के लिए अपने आप को बेच डाला है। – Slide número 32
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और अहाब ने एलिय्याह के होठों से सुना कि वह अपने पाप के लिए भयानक कीमत चुकाएगा। – Slide número 33
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अहाब का दिल डर से पिघल गया क्योंकि उसने सुना कि उसका पूरा घर मिटा दिया जाएगा - खुद, उसकी रानी, उसके सभी बेटे - और उसके नाम को आगे बढ़ाने के लिए कोई नहीं बचेगा। – Slide número 34
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अहाब ने बड़ी कीमत चुकाकर बाइबिल की यह सच्चाई समझा – 'पाप की मजदूरी मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है' (रोमियों 6:23)। – Slide número 35
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