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यीशु मसीह चिंता के बारे में सिखाता है

यीशु हमें चिंता न करने की याद दिलाने के लिए पक्षियों और फूलों का उपयोग करता है।
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यीशु मसीह एक पहाड़ पर अपने शिष्यों को उपदेश दे रहे थे। 'इसलिए मैं तुमसे कहता  हूं, कि अपने प्राण के लिये यह चिन्ता न करना कि हम क्या खाएंगे, और क्या पीएंगे, और न अपने शरीर के लिये कि क्या पहिनेंगे – Slide número 1
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क्या प्राण भोजन से, और शरीर वस्त्र से बढ़कर नहीं? – Slide número 2
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आकाश में पक्षियों को देखो: वे न बोते हैं, न काटते हैं, न ही खलिहानों में बटोरते हैं... – Slide número 3
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तौभी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्यवान नहीं हो? – Slide número 4
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और तुम में से कौन चिन्ता करके अपने जीवन में एक घंटा भी बढ़ा सकता है? तुम कपड़ों की चिंता क्यों करते हो? – Slide número 5
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जंगली सोसनों पर ध्यान करो, कि वे कैसे बढ़ते हैं, वे न तो परिश्रम करते हैं, न कातते हैं। – Slide número 6
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तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में उन में से किसी के समान वस्त्र नहीं पहिने हुए था। – Slide número 7
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इसलिये जब परमेश्वर मैदान की घास को, जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा वस्त्र पहिनाता है, तो हे अल्पविश्वासियों, तुम को वह क्योंकर न पहिनाएगा? – Slide número 8
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इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? क्योंकि तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए। – Slide número 9
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इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। – Slide número 10
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इसलिये कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है l – Slide número 11
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इस कहानी का एक मुफ्त वीडियो डाउनलोड करने के लिए निम्नलिखित वेबसाइट पर कई भाषाओं में उपलब्ध है: www.gnpi.org/media/the-global-gospel – Slide número 12