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बालक यीशु मंदिर में

मरियम और यूसुफ यरूशलेम लौटते हैं और यीशु को मंदिर में पाते हैं।
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उसके माता-पिता प्रति वर्ष फसह के पर्व में यरूशलेम को जाया करते थे। – Slide número 1
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जब वह बारह वर्ष का हुआ, तो वे पर्व की रीति के अनुसार यरूशलेम को गए। – Slide número 2
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और जब वे उन दिनों को पूरा करके लौटने लगे, तो वह लड़का यीशु यरूशलेम में रह गया; और यह उसके माता-पिता नहीं जानते थे।<br/>वे यह समझकर, कि वह और यात्रियों के साथ होगा, एक दिन का पड़ाव निकल गए: – Slide número 3
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और उसे अपने कुटुम्बियों और जान-पहचानों में ढूंढ़ने लगे। – Slide número 4
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पर जब वह नहीं मिला ..... – Slide número 5
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... तो ढूंढ़ते-ढूंढ़ते यरूशलेम को फिर लौट गए। – Slide número 6
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और तीन दिन के बाद उन्होंने उसे मन्दिर में .... – Slide número 7
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उपदेशकों के बीच में बैठे, उन की सुनते और उन से प्रश्न करते हुए पाया। और जितने उस की सुन रहे थे, वे सब उस की समझ और उसके उत्तरों से चकित थे। – Slide número 8
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तब वे उसे देखकर चकित हुए और उस की माता ने उस से कहा; हे पुत्र, तू ने हम से क्यों ऐसा व्यवहार किया? देख, तेरा पिता और मैं कुढ़ते हुए तुझे ढूंढ़ते थे। – Slide número 9
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उस ने उन से कहा; तुम मुझे क्यों ढूंढ़ते थे? क्या नहीं जानते थे, कि मुझे अपने पिता के भवन में होना अवश्य है? – Slide número 10
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परन्तु जो बात उस ने उन से कही, उन्होंने उसे नहीं समझा। तब वह उन के साथ गया, और नासरत में आया, और उन के वश में रहा; – Slide número 11
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और उस की माता ने ये सब बातें अपने मन में रखीं॥ – Slide número 12
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और यीशु बुद्धि और डील-डौल में और परमेश्वर और मनुष्यों के अनुग्रह में बढ़ता गया॥ – Slide número 13
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