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यूसुफ के भाईयों का मिस्र लौटना

यूसुफ के भाई बिन्यामीन के साथ मिस्र लौट आए।
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अकाल ने कनान देश को नाश करना जारी रखा। जब मिस्र से लाया हुआ सारा अनाज खत्म हो गया, तो याकूब ने अपने बेटों से कहा, ‘वापिस जाओ और हमारे लिए भोजन मोल ले आओ।’ – Slide número 1
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यहूदा ने उससे कहा, ‘उस मनुष्य ने हमें चेतावनी दी है कि यदि हमें और भोजन मोल लाना है तो हमें बिन्यामीन को साथ ले जाना होगा। उसके बिना यह यात्रा व्यर्थ ठहरेगी।’ – Slide número 2
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याकूब ने विलाप करते हुए कहा, ‘तुमने उसे बिन्यामीन के बारे में बताकर मेरे साथ इतना कठोर व्यवाहार क्यों किया?’ यहूदा ने कहा, ‘बिन्यामीन को हमारे साथ भेज दे।’ ‘मैं व्यक्तिगत रूप से उसकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार रहूँगा।’ – Slide número 3
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याकूब अंत में मान गया और भाईयों को उपहार के तौर पर उस देश की सारी उत्तम वस्तुओं को अपने बोरों में भरने को कहा। उसने उनसे यह भी कहा कि जितना धन उनके बोरों में वापस रखा गया उसका दोगुना लेकर जाएँ। याकूब रोया, ‘सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम पर दया करे ताकि वह मनुष्य शिमोन को छोड़ दे और बिन्यामीन को वापस आने दे।’ – Slide número 4
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भाईयों ने बलसान, मधु, गोंद, सुगन्धित राल, पिस्ते और बादाम के उपहार तैयार किये। – Slide número 5
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फिर वह बिन्यामीन को साथ लेकर मिस्र की ओर रवाना हुए। – Slide número 6
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जब वह आखिरकार मिस्र पहुँचे, यूसुफ ने देखा कि उसका भाई बिन्यामीन उनके साथ था। – Slide número 7
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यूसुफ ने अपने घर के अधिकारी को बोला, ‘ये मनुष्य मेरे साथ दोपहर का भोजन करेंगे। उन्हें महल में ले जाओ। फिर एक पशु को मारो और बड़ी दावत तैयार करो।’ अधिकारी उन डरे हुए भाईयों को यूसुफ के महल में ले गया। वे भयभीत थे कि वे पकड़े और दास बना लिए जाएँगे। – Slide número 8
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जैसे ही उन्होंने महल में प्रवेश किया तो उन्होंने अधिकारी से बिनती कि, ‘जब हम पिछली बार अन्न मोल लेने आए थे तो हमने पाया कि जो धन हर एक ने दिया वे पूरा धन उसके बोरे के ऊपर था! हम उस पूरे धन को और उसके अतिरिक्त और धन तथा और भोजन को खरीदने के लिए तुझे लौटाने के लिए ले आये हैं। हम यह नहीं जानते कि हमारे बोरों में हमारा धन किसने रखा।’ – Slide número 9
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घर के अधिकारी ने उनसे कहा, ‘शांत हो जाओ। डरो मत।’ ‘तुम्हारे परमेश्वर, तुम्हारे पिता के परमेश्वर ने तुम्हारे बोरों में इस धन को डाला होगा। मैं जानता हूँ कि तुम्हारी रकम मुझे मिल गई है। – Slide número 10
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तब उसने शिमोन को बंदीगृह सेदिया छोड़ और वह अपने भाईयों के साथ शामिल हो गया। भाईयों को यह बताया गया कि यूसुफ उनके साथ दोपहर का भोजन करेगा और उन्होंने उसके लिए अपने उपहारों को तैयार किया। – Slide número 11
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जब यूसुफ वहाँ पहुँचा, उन्होंने उसे दण्डवत् किया और अपने उपहार उसे दिए। यूसुफ ने पूछा, ‘तुम्हारा पिता, वह बूढ़ा व्यक्ति जिसके बारे में तुमने चर्चा की थी कैसा है?’ उन्होंने फिर दण्डवत् किया और बोले, ‘हमारा पिता, तेरा दास, जीवित और भला चंगा है। <br/>  – Slide número 12
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यूसुफ ने अपने भाई, अपनी माँ के बेटे की ओर देखा। यूसुफ ने पूछा ‘क्या यह तुम्हारा सबसे छोटा भाई है, जिसके विषय में तुमने मुझसे चर्चा की थी?’। ‘हे मेरे पुत्र, परमेश्वर तुम पर अनुग्रह करे।’ – Slide número 13
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यूसुफ भावुक हो गया और उसे अपनी गुप्त कमरे में दौड़ना पड़ा जहाँ वह टूट गया और रोने लगा। – Slide número 14
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अपना मुह धोने के बाद, अपने आप को शांत करते हुए, वह बाहर आया। फिर उसने आदेश दिया, ‘बाहर भोजन लेकर आओ!’ – Slide número 15
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भाईयों को आश्चर्यजनक रूप से, उन्हें उम्र के अनुसार सबसे छोटे और सबसे बड़े की उम्र के हिसाब से बैठाया गया। यूसुफ ने उसी कमरे में परन्तु उनसे दूर बैठ कर खाना खाया। – Slide número 16
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उनकी थालियाँ भोजन से भरी थीं परन्तु बिन्यामीन को औरों के मुकाबले पाँच गुना परोसा गया। – Slide número 17
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जब उसके भाई निकलने के लिए तैयार होने लगे, यूसुफ ने अपने महल के अधिकारी को निर्देश दिया, ‘हर एक बोरे को अनाज से भर दे और हर एक व्यक्ति के पैसे वापस उसके बोरे में डाल दे। फिर मेरा निज चाँदी का कटोरा सबसे छोटे भाई के बोरे में उसके पैसों के साथ डाल दे।’ – Slide número 18
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अधिकारी ने यूसुफ के आदेश के अनुसार किया। – Slide número 19
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अगले दिन भोर होने पर भाईयों को उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया। उनके गदहों को अनाज के बोरों से लाद दिया गया। – Slide número 20
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जब उन्होंने अभी नगर को पार ही किया था, तो यूसुफ ने अपने महल के अधिकारी को आदेश दिया, ‘उनका पीछा कर और उन्हें रोक। उनसे पूछ, ‘क्यों तुमने मेरी भलाई का बदला बुराई से दिया? तुमने मेरे मालिक का चाँदी का कटोरा क्यों चुराया? तुमने कितना दुष्ट काम किया है!’ – Slide número 21
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जब महल के अधिकारी ने भाईयों को पकड़ा तो उन्होंने अपने निर्दोष होने का दावा किया, परन्तु जब चाँदी का कटोरा बिन्यामीन के बोरे में मिला तो वे विचलित हो उठे। भाईयों ने दुखी होकर अपने कपड़े फाड़े और उनको महल की ओर वापस ले जाए जाया गया। – Slide número 22
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यूसुफ ने पुछा, ‘ये तुमने क्या किया?’ यहूदा ने निवेदन किया, ‘मेरे प्रभु, हम तुझे कैसे समझाएँ? हम स्वयं को निर्दोष कैसे साबित करें।’ ‘परमेश्वर हमें हमारे पापों की सज़ा दे रहा है। हम सब तेरे दास बनने को लौट आए हैं।’ – Slide número 23
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यूसुफ ने उत्तर दिया, ‘केवल वह व्यक्ति मेरा दास होगा जिसने मेरा कटोरा चुराया है। बाकी सब शान्तिपूर्वक अपने पिता के पास लौट जाएँ।’ – Slide número 24
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यहूदा ने उससे विनती करके कहा कि उसे सुना जाए। ‘हमारा एक पिता है जो कि एक बूढा व्यक्ति है। “जैसा कि आप जानते हो, मेरी पिता की पत्नी के दो बेटे थे और उनमें से एक चला गया और फिर कभी न लौटा। निश्चय ही जंगली जानवरों ने उसे फाड़ डाला होगा। मैंने उसे उसके बाद फिर कभी नहीं देखा। अगर अब तू उसके भाई को मुझसे दूर ले जाए और कोई हानि उस पर आ पड़े, तू इस दुख के कारण उस बूढ़े व्यक्ति को उसकी कब्र तक पहुँचा देगा।”’ यहूदा ने विनती करनी जारी रखी, ‘तो कृपया करके बिन्यामीन की जगह मुझे अपना दास बना ले। मैं उस पीड़ा को नहीं देख सकता जो मेरे पिता पर आ पड़ेगी!’ – Slide número 25
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यूसुफ इसे और बर्दाश्त नहीं कर सका। उसने अपने सेवकों को कमरे से बाहर भेजा और वह अपने भाईयों के साथ अकेला रह गया। तब उसने उन्हें बताया, ‘मैं यूसुफ हूँ! क्या मेरा पिता अभी भी जीवित है?’ वह आश्चर्यचकित और अवाक् रह गए। – Slide número 26
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यूसुफ ने उनसे कहा, ‘कृपया मेरे निकट आओ।’ ‘मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूँ, जिसे तुमने मिस्र आने वालों के हाथ बंधी बनाने के लिए बेच दिया था। परन्तु अपने आप पर क्रोधीत ना होओ। यह परमेश्वर था जिसने अकाल से तुम्हारे जीवनों को बचाने के लिए मुझे यहाँ तुमसे पहले भेजा। परमेश्वर ने मुझे फ़िरौन का सलाहकार नियुक्त किया। खुशी से रोते हुए, यूसुफ ने बिन्यामीन को गले से लगा लिया। – Slide número 27
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फिर यूसुफ ने अपने हर एक भाई को चूमा और उनसे लिपटकर रोया। फिर उनसे बोला, ‘अब शीघ्र मेरे पिता के पास वापस लौटो और मेरे पास वापस आओ!’ तुम गोशेन के देश में निवास कर सकते हो जहाँ मैं तुम्हारी देखभाल करूँगा, क्योंकि अकाल के अभी पाँच वर्ष और होंगे। वरना तुम भूखे रह जाओगे।’ – Slide número 28
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