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यूसुफ का याकूब के साथ पुनः मिलन

याकूब समझ जाता है कि यूसुफ जीवित है और मिस्र की यात्रा करता है।
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जब यूसुफ के भाईयों की खबर फ़िरौन के महल तक पहुँची तब फ़िरौन ने यूसुफ से बोला, ‘अपने भाईयों को बोल कि कनान देश को आ जाएँ और अपने पिता और अपने पूरे परिवार को लेकर और मिस्र को वापस आ जाएँ। मैं तुम्हे सबसे उत्तम भूमि दूँगा, तुम भूमि के सबसे उत्तम भाग के उपज में से खाओगे।’ – Slide número 1
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भाईयों को कनान देश में लौटने और फिर अपने परिवार को मिस्र में वापस लाने के लिए गाड़ियाँ और भोजन वस्तु दिए गए। – Slide número 2
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जैसे ही भाईयों ने विदा ली, यूसुफ ने उन्हें पुकार कर कहा, ‘मार्ग में कहीं झगड़ा न करना!’ तब उन्होंने मिस्र छोड़ा और अपने पिता, याकूब, के पास कनान देश लौट गये। – Slide número 3
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उन्होंने उसे बताया, ‘यूसुफ अभी भी जिंदा है!’ ‘और वह मिस्र के पूरे देश का अधिकारी है!’ – Slide número 4
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यूसुफ इस खबर से एकदम अचंभित हो गया- वह इस बात पर विश्वास नहीं कर सका। – Slide número 5
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भाईयों ने याकूब को एक बार फिर सारी बात बतायी जो यूसुफ ने उनसे कहीं थीं। जब उसने उन गाड़ियों को देखा जो यूसुफ ने उसे लाने के लिए भेजीं, उसके अंदर नई जान आ गई। – Slide número 6
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याकूब चिल्लाया, ‘यह सच होगा! मेरा बेटा जीवित है!’ – Slide número 7
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‘मुझे निश्चय ही जाना चाहिए और अपनी मृत्यु से पहले उसे देखना चाहिए।’ – Slide número 8
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सब ने मिस्र की यात्रा के लिए अपने सामानों को बाँध लिया। उनमें से एक गाड़ी में याकूब को ले जाया गया। – Slide número 9
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वे बेर्शेबा को गए जहाँ याकूब ने परमेश्वर को बलिदान चढ़ाया। रात के समय परमेश्वर ने उससे दर्शन में बात की। परमेश्वर ने पुकारा। ‘याकूब याकूब!’ – Slide número 10
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उसने उत्तर दिया, ‘मैं यहाँ हूँ।’ उस आवाज़ ने बोला ‘मैं तेरे पिता का परमेश्वर हूँ,’। ‘मिस्र में जाने से मत डर, क्योंकि वहाँ मैं तेरे परिवार को एक बड़ी जाती बनाऊँगा। तू मिस्र में मरेगा, परन्तु यूसुफ तेरी आँखों को बंद करने के लिए तेरे पास होगा।’ – Slide número 11
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फिर वे मिस्र की ओर निकल गए। उसके बेटों की पत्नियों की गिनती के बिना, याकूब के वंशों की गिनती, छियासठ थी। जब वे मंजिल की ओर पहुँचने लगे, तब याकूब ने यहूदा को अपने आगे भेजा कि वह यूसुफ से मिले और वह गोशेन देश के लिए निर्देश पाए। – Slide número 12
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तब यूसुफ ने अपने रथ को जुतवाया और अपने पिता, याकूब से मिलने गोशेन देश को गया। – Slide número 13
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आखिरकार यूसुफ ने उसके परिवार को मिस्र में लाने वाले रथ से मुलाकात की। – Slide número 14
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याकूब मुश्किल से ही अपनी आँखों पर विश्वास कर पाया। जिस बेटे को वह मरा सोच रहा था वह जीवित था। – Slide número 15
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वे दोनों गले मिलकर रोने लगे। – Slide número 16
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वे बहुत समय बाद एक दूसरे से मिले थे। आखिरकार, याकूब ने यूसुफ से बोला, ‘अब मैं मरने के लिए तैयार हूँ क्योंकि मैंने तुझे देख लिया और जान लिया कि तू जीवित है।’ – Slide número 17
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और तब याकूब, उसके बारह बेटे और उनके परिवार मिस्र के गोशेन प्रदेश में रहने लगे। उन्होंने वहाँ संपत्ति इक्कठा कर ली और उनकी जनसंख्या तेज़ी से बढ़ने लगी। मिस्र में आने के बाद याकूब सत्रह वर्ष तक जीवित रहा, तो वह कुल 147 साल जिया। – Slide número 18
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