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इस चट्टान पर

पतरस ने स्वीकार किया कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है|
योगदानकर्ता लैम्बसांग्स
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चट्टान निर्माण के लिए एक ठोस आधार बनाती है और इसके सुरक्षित होने पर भरोसा किया जा सकता है। 'पतरस ' नाम का अर्थ चट्टान है और यीशु चाहते थे कि पतरस मसीहीयों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए और आराधनालय में एक प्रमुख नेता बने। – Slide número 1
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जब यीशु और उसके चेले कैसरिया फिलिप्पी नगर में पहुंचे, तो उस ने अपने चेलों से पूछा, 'लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?' – Slide número 2
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उन्होंने कहा, “कुछ तो यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाला कहते हैं, और कुछ एलिय्याह, और कुछ यिर्मयाह या भविष्यद्वक्‍ताओं में से कोई एक कहते हैं।” – Slide número 3
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उसने उनसे कहा, “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” शमौन पतरस ने उत्तर दिया, “तू जीवते परमेश्‍वर का पुत्र मसीह है।” – Slide número 4
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यीशु ने उसको उत्तर दिया, “हे शमौन, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।” – Slide número 5
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‘और मैं भी तुझ से कहता हूँ कि तू पतरस है, और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊँगा, और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।’, यीशु ने उससे कहा – Slide número 6
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बहुत से लोगों ने पतरस की बातों पर विश्वास किया और उन्होंने उद्धार पाया जब उसने उन्हें उन चमत्कारों के बारे में बताया जो उसने अपनी आँखों से देखे थे और कैसे यीशु क्रूस पर मर गया और फिर से जी उठा। – Slide número 7
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पतरस ने बाइबिल में कुछ किताबें लिखीं। उन्होंने लिखा, 'हमने अपनी बनाई कहानियों का अनुसरण नहीं किया है, लेकिन जब ऐसा हुआ तो हम वहां थे।' 2 पतरस 1:16 – Slide número 8
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